Nagpur Flyover Project Adopts ₹5 Crore Tree Transplantation Machine for Sustainable Development

नागपुर फ्लाईओवर प्रोजेक्ट में पेड़ ट्रांसप्लांटेशन की नई पहल

नागपुर – शहर में लगातार हो रहे विकास कार्यों के बीच एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है। एन-53 हाईवे पर बनने वाला फ्लाईओवर, जिसकी शुरुआत अब सितंबर 2025 से होने वाली है, पर्यावरण की दृष्टि से एक नई मिसाल कायम कर रहा है।

पेड़ काटने के बजाय ट्रांसप्लांटेशन

अब तक कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में पेड़ काटना ही सामान्य प्रक्रिया मानी जाती थी, लेकिन नागपुर के इस फ्लाईओवर प्रोजेक्ट में ऐसा नहीं होगा। यहां पेड़ों को काटने के बजाय ट्रांसप्लांट किया जा रहा है।

इसके लिए इस्तेमाल की जा रही मशीन का नाम है Dakota Tree Transplantation Machine, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपए है। यह हाई-टेक मशीन पेड़ों को उनकी जड़ों समेत सुरक्षित तरीके से निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट करने की क्षमता रखती है।

पायलट प्रोजेक्ट से सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन की ओर

यह पूरी प्रक्रिया एक तरह से पायलट प्रोजेक्ट है। अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो भविष्य में इसे अन्य बड़े कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में भी लागू किया जा सकता है।
यह कदम विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक अहम पहल है।

क्यों है यह पहल महत्वपूर्ण?

  • पेड़ों की अनावश्यक कटाई रोकी जा सकेगी।

  • शहर के पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

  • नागपुर जैसे तेजी से विकसित होते शहरों में सस्टेनेबल मॉडल तैयार होगा।

निष्कर्ष

नागपुर में हो रहा यह प्रयास हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि विकास केवल इमारतों और फ्लाईओवर से नहीं, बल्कि पर्यावरण को बचाते हुए भी संभव है।
पेड़ बचाकर विकास करो” – यही इस प्रोजेक्ट का असली संदेश है।

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