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नागपुर में Sitabuldi–Koradi मेट्रो कॉरिडोर की हलचल: शहर की तस्वीर बदलने की तैयारी

नागपुर में Sitabuldi–Koradi मेट्रो कॉरिडोर की हलचल: शहर की तस्वीर बदलने की तैयारी
नागपुर मेट्रो के तीसरे चरण के तहत प्रस्तावित Sitabuldi से Koradi तक का मेट्रो कॉरिडोर चर्चा का केंद्र बन गया है। अभी ब्लूप्रिंट पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है, लेकिन इस 11.5 किमी लंबे कॉरिडोर को लेकर अटकलें तेज हैं — खासकर स्टेशन की संभावित लोकेशन, निर्माण तकनीक और रियल एस्टेट पर प्रभाव को लेकर।
🏗 निर्माण प्रारूप: अंडरग्राउंड से एलिवेटेड की ओर
मेट्रो अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अंडरग्राउंड निर्माण केवल तब ही किया जाएगा जब कोई अन्य विकल्प उपलब्ध न हो, क्योंकि इसकी लागत काफी अधिक होती है। हालांकि, कस्तूरचंद पार्क से शुरू होने वाला पहला 3 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड हो सकता है, वहां पहले से मौजूद फ्लाईओवर और घनी आबादी के कारण। इसके बाद लाइन एट-ग्रेड और फिर एलिवेटेड हो सकती है।
📊 अनुमानित लागत और सवारियां
- प्रति किमी अनुमानित लागत: ₹300 करोड़
- कुल अनुमानित खर्च: ₹3500 करोड़
- 2031 में PHPDT: 5600
- 2054 में PHPDT: 11,800
- दैनिक यात्रियों की संख्या:
- 2031: 65,000
- 2054: 1.47 लाख
🏘️ स्टेशन और रियल एस्टेट प्रभाव
मेट्रो गाइडलाइंस के अनुसार हर 1 से 1.5 किमी पर एक स्टेशन होगा — यानी लगभग 10 स्टेशन पूरे रूट पर। लोकेशन तय करने में जनसंख्या घनत्व और भूमि उपलब्धता अहम होगी।
इस मेट्रो विस्तार से जुड़े शहर के उत्तरी हिस्सों में रियल एस्टेट की गतिविधियां तेज हो गई हैं। ट्रांजिट ओरिएंटेड डिवेलपमेंट (TOD) की संभावनाएं बढ़ रही हैं, जिससे व्यवसायिक विकास और बेहतर शहरी अवसंरचना की उम्मीद की जा रही है।
🔍 स्टेकहोल्डर्स की भागीदारी
अभी Detailed Project Report (DPR) तैयार नहीं हुई है। लेकिन एक 15-दिवसीय विंडो दी गई है जिसमें शहरी योजनाकारों, स्थानीय निकायों और नागरिकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। इसके बाद ही DPR की निविदा प्रक्रिया शुरू होगी।
🔮 भविष्य की दिशा
यह कॉरिडोर नागपुर के उत्तरवर्ती आवासीय क्षेत्रों को शहर के केंद्र से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा। योजनाएं भले ही शुरुआती स्तर पर हों, लेकिन इसके जरिए नागपुर की शहरी गतिशीलता में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।


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