“रायपुर–नागपुर NH-53 पर भारत का नया वन्यजीव अंडरपास: हरित राजमार्ग का सफल उदाहरण

एनएच-53 पर वन्यजीव अंडरपास का सफल निर्माण: हरित इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर बढ़ता भारत

छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमाओं पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि, एनएचएआई ने एनएच-53 के रायपुर–नागपुर खंड में एक समर्पित वन्यजीव अंडरपास का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया है। यह परियोजना विकास और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन का एक शानदार उदाहरण है।

🌿 वन्यजीवों के लिए सुरक्षित मार्ग

यह अंडरपास एक संवेदनशील वन्यजीव क्षेत्र में बनाया गया है, जहां पहले वाहनों की आवाजाही से जानवरों को काफी खतरा होता था। वन विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में इसका डिज़ाइन ऐसा बनाया गया है कि तेंदुआ, हिरण, सियार, साही जैसे जानवर बिना किसी बाधा के पार कर सकें।

इसकी बनावट में:

  • प्राकृतिक स्थलाकृति का ध्यान रखा गया है,
  • ज़मीन पर प्राकृतिक तत्वों की संरचना की गई है,
  • आसपास की हरियाली को बनाए रखने के लिए मृदु वनस्पति लगाई गई है।

🛣️ हरित इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक

यह अंडरपास उस विचारधारा का हिस्सा है जिसमें भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों को जैव विविधता को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जा रहा है। निर्माण के दौरान:

  • भूमि के स्वरूप को यथासंभव बनाए रखा गया,
  • ध्वनि नियंत्रण तकनीक अपनाई गई,
  • और पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालने वाले स्थानीय निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया।

🎥 सकारात्मक संकेत मिलना शुरू

स्थापित कैमरा ट्रैप्स के माध्यम से वन्यजीवों की आवाजाही रिकॉर्ड की जा रही है। शुरुआती वीडियो में जानवरों की उपस्थिति स्पष्ट रूप से दिखाई दी है, जिससे इसका सफल उपयोग सिद्ध हो रहा है।

🌍 क्षेत्रीय प्रभाव

यह अंडरपास उदंती–सीतानदी टाइगर रिज़र्व और डोंगरगढ़ व राजनांदगांव के आस-पास के वन क्षेत्रों को लाभ पहुंचाएगा। इससे जहां वन्यजीवों को सुरक्षा मिलेगी, वहीं सड़क यातायात भी सुचारु रहेगा।

 

 

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